गुरु की महादशा के फल

गुरु की महादशा के फल जीवन में गुरु की महादशा का अत्यंत महत्व पूर्ण स्थान हे।गुरु की महादशा में व्यक्ति नई नई स्किल्स सीखता हे , तथा उच्च शिक्षा प्राप्त करता हे ।गुरु की महादशा जीवन में हर तरीके से लाभ ही लाभ करती हे । वही किसी किसी ग्रह के अंतर्दशा में आने पर … Read more

राहु का कुंडली के बारह भावों पर अलग अलग प्रभाव

राहु का कुंडली के बारह भावों पर अलग अलग प्रभाव द्वादशभावस्थ राहु फल रोगी सदा देवरिपौ तनुस्थे कुले च मुख्यो बहुजल्पशीलः । रक्तेक्षणः क्रोधपरः कुकर्मरतः सदा साहसकर्मदक्षः ॥१॥ राहु यदि लग्न में हो तो जातक रोगी, अपने कुल में मुख्य, व्यर्थ बहुत बोलनेवाला, लालनेत्र, क्रोधी, कुकर्मी और साहसी होता है।।१।। राहौ धनस्थे कृतचौरवृत्तिः सदावलिप्तो बहुदुःखभागी … Read more

शनि ग्रह का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव

शनि ग्रह का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव द्वादशभावस्थ शनि फल सततमल्पगतिर्मदपीडितस्तपनजे तनुगे खलु चाऽधमः । भवति हीनकचः कृशविग्रहो मितसुहृद्रिपुसद्मनि मानवः ॥१॥ जन्म समय लग्न में शनि हो तो जातक मन्द गति, मद से पीड़ित, नीच सुप्रकृति, अल्प केशवाला, दुर्बल शरीर होता है। यदि शनि अपने शत्रु की राशि में हो तो थोड़े मित्र … Read more

शुक्र का बारह भावों पर प्रभाव

शुक्र का बारह भावों पर प्रभाव द्वादशभावस्थ शुक्र फल जनुषि लग्नगते भृगुनन्दने भवति कार्यरतः परपण्डितः । विमलशिल्पयुते सदने रतो भवति कौतुकहा विधिचेष्टितः ॥१॥ प्रथम भाव में शुक्र हो तो जातक कार्य में तत्पर,पण्डित, उत्तम शिल्पयुत घर माननेवाला, विधि (प्रारब्ध) को प्रबल मानने वाला होता है।॥१॥ परधनेन धनी धनगे भृगौ भवति योषिति वित्तपरो नरः ।रजतसीसधनी गुणशैशवः … Read more

मंगल का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव

मंगल का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव द्वादशभावस्थ मंगल फल १)लग्न में मंगल हो तो बाल्यावस्था में पेट और दाँत में रोग वाला, गलखोर, कृशदेह, पापी, कृष्णवर्ण, चञ्चल, नीच का सेवक, मलिन त्रवाला, सब सुख से हीन होता है।॥१॥ २)द्वितीय भाव में मङ्गल हो तो धात्वादी, विदेश में रहनेवाला, ऋण करने में प्रया जुआड़ी, … Read more

चन्द्रमा का बारह भावों पर प्रभाव

चन्द्रमा का बारह भावों पर प्रभाव द्वादशभावस्थ चन्द्रमा के फल 1)जन्म समय में लग्न (प्रथम) भाव में चन्द्रमा हो तो वह मनुष्य बहुत धनों का भोगी, बलवान्, सुन्दर देह वाला होता है। किन्तु यदि चन्द्रमा अपने नीच वृश्चिक) का या पाप से युक्त हो तो निर्बुद्धि, दुःखी और धनहीन बनता है।।१।। २)द्वितीय भाव में चन्द्रमा … Read more

सूर्य का बारह भावों पर प्रभाव

सूर्य का बारह भावों पर प्रभाव जन्म कुंडली के अनुसार 12 भावों पर सूर्य ग्रह का प्रभाव।यह प्रभाव सभी के लिए अलग अलग तरीके से हो सकते हे। इनके कुछ फल सभी ग्रहों के मिल मिलाप से ही कहे जा सकते हे।यहां में आप सभी को सामान्य जानकारी दे रहा हु ,जो सर्व सामान्य के … Read more

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