Shive Mandir Me Ganpati Ka Sthan kis jagah he
कभी कभी आचार्यों के बीच एक प्रश्न आता हे कि शिव परिवार प्रतिष्ठा में गणपति जी मा गोरी के वाम […]
कभी कभी आचार्यों के बीच एक प्रश्न आता हे कि शिव परिवार प्रतिष्ठा में गणपति जी मा गोरी के वाम […]
वास्तु में दिशाओं का महत्व वास्तुशास्त्र दिशात्मक ऊर्जा पर आधारित एक व्यावहारिक विज्ञान है। वास्तु विज्ञान में आठ दिशाओं अर्थात
स्वर्णाकर्षण भैरव साधना का संक्षिप्त परिचय भगवान भैरव शंकर के ही प्रतिरूप है, इनकी साधना से साधकों को शीघ्र मनोवांछित
अर्क विवाह वर की कुण्डली में मंगल व पापग्रह बली हो ।कन्या की कुण्डली में पापग्रहों के अभाव से स्त्री
श्री गोपाल सहस्त्र नाम स्तोत्र करने के फायदे गोपाल सहस्त्र नाम स्तोत्र पाठ आध्यात्मिक उन्नति के लिए किया जाता हे।
प्रदोष वार परिचय एवं महत्व (1) रवि प्रदोष: आयु वृद्धि व आरोग्य के लिए (2) सोम प्रदोष: अभीष्ट सिद्धि हेतु
हस्त रेखा में पर्वतों के स्थान गुरु : इसे बृहस्पति भी कहते हैं। इसका स्थान तर्जनी उंगली के मूल में
॥ श्रीकृष्णाय नमः ॥ श्रीकृष्णसहस्त्रनामस्तोत्रम् ध्यानम् शिखिमुकुटविशेषं कौस्तुभापीतवेशम्।नीलपद्माङ्गदेशं विधुमुखकृतकेशं मधुरस्वकलेशंभजे भ्रातृशेषं व्रजजनवनितेशं माधवं राधिकेशम्। स्तोत्रम् कृष्णः श्रीवल्लभः शाङ्गी विष्वक्सेनः स्वसिद्धिदः।क्षीरोदधामा
श्री शिवाय नमः ॥ श्रीशिवसहस्त्रनामस्तोत्रम् अस्य श्रीशिवसहस्त्रनामस्तोत्रमन्त्रस्य नारायण ऋषिः, श्रीशिवो देवता, अनुष्टुप् छन्दः, श्रीशिवो बीजम्, गौरी शक्तिः, श्रीशिवप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः।
॥ श्रीपरमात्मने नमः |||a.श्रीविष्णुसहस्त्रनामावलिः श्री विष्णु सहस्त्र नामावली b.c.१ ॐ विश्वस्मै नमः ।d.e.२ ॐ विष्णवे नमः।f.g.३ ॐ वषट्काराय नमः ।h.i.४