राहु का कुंडली के बारह भावों पर अलग अलग प्रभाव

राहु का कुंडली के बारह भावों पर अलग अलग प्रभाव द्वादशभावस्थ राहु फल रोगी सदा देवरिपौ तनुस्थे कुले च मुख्यो बहुजल्पशीलः । रक्तेक्षणः क्रोधपरः कुकर्मरतः सदा साहसकर्मदक्षः ॥१॥ राहु यदि लग्न में हो तो जातक रोगी, अपने कुल में मुख्य, व्यर्थ बहुत बोलनेवाला, लालनेत्र, क्रोधी, कुकर्मी और साहसी होता है।।१।। राहौ धनस्थे कृतचौरवृत्तिः सदावलिप्तो बहुदुःखभागी … Read more

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