शनि ग्रह का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव

शनि ग्रह का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव द्वादशभावस्थ शनि फल सततमल्पगतिर्मदपीडितस्तपनजे तनुगे खलु चाऽधमः । भवति हीनकचः कृशविग्रहो मितसुहृद्रिपुसद्मनि मानवः ॥१॥ जन्म समय लग्न में शनि हो तो जातक मन्द गति, मद से पीड़ित, नीच सुप्रकृति, अल्प केशवाला, दुर्बल शरीर होता है। यदि शनि अपने शत्रु की राशि में हो तो थोड़े मित्र … Read more

शुक्र का बारह भावों पर प्रभाव

शुक्र का बारह भावों पर प्रभाव द्वादशभावस्थ शुक्र फल जनुषि लग्नगते भृगुनन्दने भवति कार्यरतः परपण्डितः । विमलशिल्पयुते सदने रतो भवति कौतुकहा विधिचेष्टितः ॥१॥ प्रथम भाव में शुक्र हो तो जातक कार्य में तत्पर,पण्डित, उत्तम शिल्पयुत घर माननेवाला, विधि (प्रारब्ध) को प्रबल मानने वाला होता है।॥१॥ परधनेन धनी धनगे भृगौ भवति योषिति वित्तपरो नरः ।रजतसीसधनी गुणशैशवः … Read more

बुध ग्रह का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव

बुध ग्रह का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव 1)लग्न में बुध हो तो सुन्दर रूप, हृदय दुष्ट किन्तु सुबुद्धि, पण्डित, दरं स्वल्प, कोमल और पवित्र भोजन करनेवाला, सत्यवक्ता, विलासत्रिग अत्यन्त सुखी, सदा परदेश में रहनेवाला होता है।॥१॥ द्वादशभावस्थ बुध फल 2)द्वितीय भाव में बुध हो तो पिता का भक्त, स्थिर, पाप से डरनेवाला, गौरवर्ण, … Read more

मंगल का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव

मंगल का कुंडली के बारह भावों पर प्रभाव द्वादशभावस्थ मंगल फल १)लग्न में मंगल हो तो बाल्यावस्था में पेट और दाँत में रोग वाला, गलखोर, कृशदेह, पापी, कृष्णवर्ण, चञ्चल, नीच का सेवक, मलिन त्रवाला, सब सुख से हीन होता है।॥१॥ २)द्वितीय भाव में मङ्गल हो तो धात्वादी, विदेश में रहनेवाला, ऋण करने में प्रया जुआड़ी, … Read more

सूर्य का बारह भावों पर प्रभाव

सूर्य का बारह भावों पर प्रभाव जन्म कुंडली के अनुसार 12 भावों पर सूर्य ग्रह का प्रभाव।यह प्रभाव सभी के लिए अलग अलग तरीके से हो सकते हे। इनके कुछ फल सभी ग्रहों के मिल मिलाप से ही कहे जा सकते हे।यहां में आप सभी को सामान्य जानकारी दे रहा हु ,जो सर्व सामान्य के … Read more

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