बगलामुखी मंत्र प्रयोग लक्ष्मी प्राप्ति के लिए
बगला मुखी उपासना शत्रुनाशक है तो लक्ष्मी प्राप्तिकारक भी रोग स्तभन में मृत्युञ्जय के साथ इसका प्रयोग भी करना चाहिये […]
बगला मुखी उपासना शत्रुनाशक है तो लक्ष्मी प्राप्तिकारक भी रोग स्तभन में मृत्युञ्जय के साथ इसका प्रयोग भी करना चाहिये […]
पेड़ की जड़ों द्वारा ग्रह पीडा निवारण अशुभ फल देने वाले ग्रहों को अपने पक्ष में करने के लिए कई
यज्ञ अनुष्ठान पूजा आदि धार्मिक कार्यों के लिए । भगवान के स्वरूप और उन्हें बैठने का स्थान देने के लिए
पूर्वजन्म के कर्म और प्रेत श्राप शास्त्रमत् के अनुसार प्रत्येक प्राणी जन्म से ही अपने ऊपर तीन तरह के ऋण
श्राद्ध और उसके प्रकार श्राद्ध कर्म अर्थात् पित्तरयज्ञ का उल्लेख मनु स्मृति आदि अनेक धर्म शास्त्र संबन्धी ग्रंथों में बहुत
दुर्गा सप्तशती अपने आपमें एक अदभुत तंत्र ग्रंथ है। महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती का संबंध ऋगवेद, यजुर्वेद और सामवेद से
अगर किसी व्यक्ति का विवाह विवाहोचित समय निकल जाने पर भी नहीं हो रहा हो तो निम्न मंत्र का जाप
हीरा: रक्तदोष, कैंसर, शोथ रोग, वीर्य-दोष, नपुंसकता, प्रमेह, बेरी-बेरी, गर्भाशय के विकार। मोतीक्रोध, अनिद्रा, मानसिक विकार, दन्त रोग, कैंसर, मूत्र
किसी भी प्रकार के ऋण से छुटकारा पाने के लिए ये स्तोत्र पाठ करना चाहिए ।सच्ची श्रद्धा अवश्य सफलता दिलाती
शास्त्रों विभिन्न प्रकार के रोगों के उत्पन्न होने के विविध कारण बताये गये हैं। प्रायः तीन प्रकार से रोगोत्पन्न कारणों