केतु की महादशा के शुभ अशुभ प्रभाव

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केतु की महादशा के प्रभाव
किसी भी व्यक्ति के जीवन में केतु की महादशा लगभग 7 साल तक चलती हे ।
केतु की महादशा में क्या क्या उपाय करने हे वो पोस्ट के आखिरी में मिलेंगे।
अतः पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़े।

केतु महादशा फलम्

विषादकर्मी धनधान्यहीं सर्वापदां मूलमनर्थदात्री । भयङ्करी रोगविपद्विधात्री केतोर्दशा स्यात् किल जीवहन्त्री ।।

केतु की महादशा हो तो विषाद, धन-धान्य नाश, सब आपदाओं की जड़ अनर्थ, भय, रोग, विपत्ति और नाश की देने वाली होती है।॥

केतु की महादशा के शुभ अशुभ प्रभाव

केतुमध्ये सर्वेषामन्तरफलम्
केतौ कन्यापुत्रनाशधनरोगाग्निविग्रहाः’। भयं राजकुलाद् दुष्टस्त्रीभिः सह कलिर्भवेत् ॥

केतु की दशा में केतु का अन्तर हो तो कन्या, पुत्र, धन का नाश, रोग और अग्नि भय, विरोध, राजकुल से भय और दुष्टा स्त्री से लड़ाई हो।

केतोरन्तर्गते शुक्रे प्रियया च कलिर्भवेत् । अग्निदाहं ज्वरं तीनं स्त्रीत्यागं कन्यकाजनिः ॥

केतु की दशा में शुक्र का अन्तर हो तो स्त्री से लड़ाई, अग्निदाह, तीव्र ज्वर , स्त्री त्याग और कन्या सन्तान की उत्पत्ति हो।।

केतु की महादशा के शुभ अशुभ प्रभाव

केतोरन्तर्गते सूर्ये राजभङ्गोऽरिविग्रहः । अग्निदाहो ज्वरस्तीव्रो विदेशगमनं भवेत् ॥

केतु की दशा में रवि का अन्तर हो तो राजभङ्ग, शत्रु से लड़ाई, अग्नि दाह, तीव्र ज्वर तथा विदेश गमन होता है।॥

अर्थलाभोऽर्थहानिश्च सुखं दुःखं तथैव च। स्त्रीलाभो धनहानिश्च केतोरन्तर्गतः शशी ॥

केतु की दशा में चन्द्र का अन्तर हो तो कभी धन लाभ और कभी घन हानि, सुख और दुःख (अर्थात् जैसा था वैसा ही रहे), स्त्री लाभ, धनहानि होती है।॥

केतु की महादशा के शुभ अशुभ प्रभाव

गोत्रजैः सह संवादश्चौराणां च भयं तथा । शरीरपीडां प्राप्नोति केतोरन्तर्गते कुजे ॥

केतु की दशा में मंगल का अन्तर हो तो अपने गोत्र वालों से लड़ाई, चोर से भय और शरीर में दुःख होता है।॥

चौरैश्च शत्रुभिर्वापि देहभङ्गः प्रजायते । दुर्जनैः सह संवादो राहुः केतोर्यदाऽनुगः ॥

केतु की दशा में राहु का अन्तर हो तो चोर से या शत्रु से शरीर का कोई अंग टूटे और दुष्टों के साथ लड़ाई हो।॥

दुर्जनैः सह संयोगो राजमान्यैः सहाऽथवा । भूलाभो जन्म पुत्रस्य केतोरन्तर्गते गुरोः ॥

केतु की दशा में गुरु का अन्तर हो तो दुर्जन से मित्रता या किसी राजमान्य व्यक्ति से मिलन, पृथ्वी से लाभ और पुत्र का जन्म होता है।॥
वातपित्तभवा पीडा स्वजनैः सह विग्रहः । विदेशगमनं चापि केतोरन्तर्गते शनौ ॥

केतु की दशा में शनि का अन्तर हो तो वात-पित्त जनित पीड़ा, अपने आदमियों से लड़ाई और विदेश गमन होता है।

सुहृद्बन्धुसमायोगो बुद्धिबोधं धनागमम् । न किञ्चित्क्लेशमाप्नोति केतोरन्तर्गते बुधे ॥

केतु की महादशा में बुध का अन्तर हो तो मित्र एवं बन्धुओं का मिलन, सद्बुद्धि का उदय, धनागम और निरोग होता है।।

केतु की महादशा में किए जाने वाले कुछ उपाय–
1) घर के दक्षिण व पश्चिम कोने में तिकोनि ध्वजा लगाए।
2) काली गाय का दान करे ब्राह्मण को।
3) भिखारियों को कपड़े दान करे।
4) कुत्ते को तेल से चुपड़ी हुई रोटी डाले।

श्री रस्तू शुभम्

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