राहु की महादशा में बुद्धि से हीन, मतिभ्रम, सर्व शून्यता, अति भय से विषम आपत्ति, मत्युतुल्य व्याधि, वियोग, धन हानि, विषभय और जीने में सन्देह होता है।
राहु की महादशा लगभग 18 साल तक चलती हे , इस समय में कई ग्रह आप को फायदा तो कुछ आप को नुकसान भी दे सकते हे ।
राहु की महादशा में जो जो उपाय करने चाहिए , वो में पोस्ट के आखिरी में लिख रहा हु ।
अतः लास्ट तक आर्टिकल जरूर पढ़े।
राह के प्रभाव
स्वभ्रातृतातमरणं बन्धुनाशात्मकं रुजा । अर्थनाशो विदेशस्य गमनं गौरवाल्पता ॥
राहु की महादशा में राहु की अन्तर्दशा हो तो भाई, पिता का मरण, बन्धु नाश से रोग तथा धननाश, विदेश गमन और गौरव में ह्रास हो तथा आदर नहीं होता।।।
राहु की महादशा के प्रभाव
व्याधिदुःखपरित्यक्तो भवत्यर्थयुतश्चाऽत्र
देवब्राह्मणपूजकः । राहोरन्तर्गते गुरौ ॥
राहु की महादशा में गुरु की अन्तर्दशा हो तो व्याधि, दुःख से रहित, देव-ब्राह्मण का सेवक और धन से युक्त होता है।॥
रक्तपित्तकृता पीडा कलहः स्वजनैः सह । देहभङ्गः कृतत्यागो राहोरन्तर्गते शनौ ॥
राहु की महादशा में शनि की अन्तर्दशा हो तो रक्त-पित्त जनित पीड़ा, अपने जनों से कलह, शरीर में चोट इत्यादि से कोई अंग टूट जाना तथा
किया हुआ कार्य त्याग देता है।।
राहु की महादशा के प्रभाव
सुहृद्बन्धुजनैर्योगं किञ्चित्क्लेशमवाप्नोति
बुद्धिभोगधनागमम् । स्वर्भान्वन्तर्गते बुधे ॥
राहु की महादशा में बुध की अन्तर्दशा हो तो मित्र एवं बन्धुओं से सहयोग, बुद्धि, धनागम, भोग तथा कुछ क्लेश होता है।।
ज्वराग्निरिपुशस्त्रैश्च मृत्युं प्राप्नोति सर्वदा । राहोरन्तर्गते केतौ नास्त्यत्र संशयः क्वचित् ॥
राहु की महादशा में केतु की अन्तर्दशा हो तो ज्वर, अग्नि, शत्रु अथवा शस्त्र द्वारा मृत्यु होती है, इसमें सन्देह नहीं।।
सुहृत्तापः कामिता स्यात् स्त्रीलाभो वित्तसञ्चयः ।
कलहो बान्धवैः सार्द्ध राहोरन्तर्गते सिते ॥
राहु की महादशा के प्रभाव
राहु की महादशा में शुक्र की अन्तर्दशा हो तो मित्र द्वारा कष्ट, काम को उत्तेजना, स्त्री लाभ, धन संचय, भाई-बन्धओं से लड़ाई हो।।
शस्त्ररोगभयं घोरमर्थनाशं नृपाद्भयम् । अग्निचौरभयं चाऽत्र दैत्यस्यान्तर्गते रवौ ॥
राहु की महादशा में सूर्य की अन्तर्दशा हो तो शस्त्र तथा रोग से भय, धन नाश, राजा से भय तथा अग्नि एवं चोर से भय होता है।।
स्त्रीलाभं कलहं चैव वित्तनाशमनिर्वृतिः । बान्धवैः सह संक्लेशो राहोरन्तर्गतः शशी ॥
राहु की महादशा में चन्द्रमा की अन्तर्दशा हो तो स्त्री लाभ, कलह, धन नाश, कष्ट, बन्धओं के साथ क्लेश होता है।।
रिपुशस्त्राग्निचौराणां भयमाप्नोति सर्वदा । स्वर्भान्वन्तर्गते भौमे निश्चितं नाऽत्र संशयः ॥
राहू की महादशा में मंगल की अन्तर्दशा हो तो शत्रु, शस्त्र-अग्नि और चोर से भय रहता है, इसमें कोई सन्देह नहीं है।।
राहु को सही करने के उपाय–
1) राहु को सही करने के लिए भगवान शिव की पूजा करे।
2) रोज मंदिर जाए।
3) असहायों की सेवा करे।
4) रुद्रा अभिषेक करे।
5) ज्यादा तर लाल कपड़े पहने।
6) सकारात्मक सोच रखे।
7) राहु के मंत्रों का जप करे , जप मंत्र पिछली पोस्ट में मिल जाएंगे।
राहु की महादशा में जो दान देंने हे वो भी पिछली पोस्ट में मिल जाएगी ।
श्री रस्तू शुभम्