शकुन व अपशकुन
दैनिक जीवन में शकुन व अपशकुन
दैनिक जीवन में शकुन-अपशकुन का बड़ा महत्व है। जिस प्रकार अच्छा कार्य सम्पन्न होते समय अच्छे अच्छे शकुन होने लगते हैं, उसी प्रकार अनिष्ट के समय अनेक प्रकार के अपशकुन होते हैं।
यहाँ मैं सभी के लिए कुछ मुख्य शकुन- अपशकुन बता रहा हु , इनके माध्यम से आप शुभ शकुन से लाभ और अपशकुन के समय सावधानी बरत कर भविष्य में होने वाली हानि से बच सकते हैं।
शकुन विचार
१. लिखते समय अनजाने में स्याही का गिर जाना शुभ है। इसी प्रकार कपड़ों पर पान की पीक टपक पड़ना भी शुभ है।
२. गर्भवती स्त्री की कोख अगर नीचे की तरफ दायीं ओर अधिक झुकी है, तब पुत्र प्राप्ति की सम्भावना अधिक रहती है।
३. कौवे का बार-बार बोलना भी एक अच्छा शकुन है।
४. रात्रि के समय किसी पक्षी का शयन कक्ष से टकराना, इस बात का सूचक है कि गर्भाधान आज सम्भव है।
५. पीठ के पीछे अपने लिए कटु या अपशब्द सुनना निश्चय ही शुभ है। वह दिन लाभकारी रहेगा, आप यह मानकर चलें।
६. घर में किसी भी पक्षी का घोंसला, या अण्डे देना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि यह घर ऊपरी बाधाओं से पूर्णतः सुरक्षित
है। ७. स्वप्न में स्नान, संन्यासिनी को देखना, मैथुन, रुदन, मृत्यु,
पर्वत, जल आदि देखना लाभकारी स्थिति का संकेत देता है। ८. घर से बाहर निकलते समय स्वयं छींकना शुभ है।
९. प्रातः आँख खुलते ही अपनी हथेलियों को देखना, चूमना और मुँह पर हाथ फेरना लाभ जनक स्थिति उत्पन्न करता है।
१०. तोता, नीलकंठ, मोर देखना एक अच्छा शकुन है।
११. मार्ग में स्वर्ण मिलना अनिष्ट का सूचक है, शेष धातुएँ लाभ मार्ग प्रशस्त करती हैं।
१२. किसी महत्वपूर्ण कार्य के लिए जाते समय पुरुष का दायाँ, स्त्री का बायाँ स्वर सफलता प्राप्ति का सूचक है।
१३. दायीं हथेली में खुजली होना और दायीं आँख का फड़कना भी शुभ है।
१४. मार्ग में घोड़ा, बैल, गाय, ऊँट केवल दाहिनी ओर मिलना शुभ है। कार्य बिना बाधा के पूर्ण होता है।
१५. नवजात शिशु को दूध पिलाती स्त्री को देखना बहुत ही शुभ लक्षण है।
१६. दाहिने अंग पर छिपकली का गिरना, पक्षी का बैठना शुभ है।
१७. घर के भीतर दीवार में, नाली में बरगद का स्वयं उग आना कार्य सिद्धि का सूचक है।
१८. इसी प्रकार दाहिने पैर के तलुवे में खुजली होना, मस्तक पर खुजली होना धन लाभ की स्थिति उत्पन्न करता है।
. घर से निकलते समय दूध, दही, श्वेत वस्त्रों में स्त्री-पुरुष का मिलना शुभ लक्षण हैं।
२०. रसोई घर में अचानक दूध का उबल कर बह जाना भी घर में सुख समृद्धि लाता है।
२१. वस्त्र उतारते समय जेब से पैसों का गिर जाना भी शुभ लक्षण है।
२२. कार्य पर जाते समय शव का दिखना निश्चय ही कार्य सिद्धि का सूचक है।
२३. निद्रा से जागने पर अपना मुख देखना शुभ है।
यहाँ मैं इस बात को स्पष्ट कर दूँ कि यह शकुन स्वयं अनायास होने चाहिए तभी फल देते हैं।
अब मैं आपके समक्ष कुछ मुख अपशकुन प्रस्तुत कर रहा हूँ।
अपशकुन विचार
१. दुकान पर प्रथम ग्राहक आवे और बिना कुछ क्रय करे चला जावे तब आप इसे अपशकुन मानें।
२. बायें पैर के तलवे और सिर में बायीं तरफ तेज खुजली उठना भी अपशकुन है।
३. बाल बिखराये स्त्री को देखना एक अशुभ लक्षण है।
४. स्वर्ण का खोना और मिलना अशुभ होता है।
५. कौवों का आपस में लड़ते हुए देखना भी अशुभ है।
६. किसी भी पक्षी, जानवर को संभोगरत देखना अशुभ है। ऐसी स्थिति में आप थुथकारते हुए मुँह फेर लें।
७. नग्न स्त्री-पुरुष को देखना एक अशुभ लक्षण है। तत्कालनिगाहें फेर लें।
८. बायीं आँख का फड़कना, बायीं आँख में खुजली होना अशुभ है।
९. मार्ग में स्वर्ण का मिलना एक अशुभ लक्षण है।
१०. घर में चमगादड़ का आना, कुत्ते का रोना, बिल्ली का छटपटाना महा अशुभ है। ऐसा होने पर उन्हें दूर भगा दें।
११. स्त्री की कोख अगर बायीं ओर झुकी है, तब कन्या होनी निश्चित है।
१२. बायीं भुजा पर किसी जीव का गिरना, बैठना शुभ लक्षण नहीं हैं। उस दिन सावधानी रखें।
१३. स्वप्न में तेल, भैंसा, काले वस्त्र पहने स्त्री या पुरुष, तूफान, आग, बिजली का कड़कना देखना अशुभ है।
१४. बाज का, गिद्ध का, छत पर आकर बैठना अशुभ है।
१५. कार्य पर जाते समय खाली घड़ा, गधा, भैंसा, बीमार कुत्ता देखना अशुभ है।
१६. बिल्ली के रास्ता काटने पर, बायाँ स्वर चलने पर, किसी अन्य व्यक्ति के अनेक बार छींकने पर रुक जावें। यह एक अशुभ लक्षण है।
१७. मार्ग में कपड़ों का ढेर, कोढ़ी, पागल मिलने पर अपनी यात्रा कुछ समय के लिए स्थगित कर दें।
१८. घर के बाहर या दीवार पर पीपल का पेड़ उगना दैवी आपदाओं की ओर संकेत करता है। इसे तुरन्त हटा दें।
१९. किसी के अकारण टोकने, बोलने पर अपना कार्य कुछ पल के लिए रोक देना ही ठीक रहता है।
अब प्रश्न यह उठता है कि आज के इस मशीनरी युग में लोगों पर इतना समय ही कहाँ है कि वह अपना कार्य स्थगित कर सकें। उदाहरण के लिए मेरे मित्र लोकेश एवं दीपिका को रात के प्लेन से अमेरिका जाना था, यह एक व्यापारिक यात्रा थी। घर से निकलते समय एक काली बिल्ली रास्ता काट गई। स्पष्ट अपशकुन था। अब स्थिति यह थी जायें तब हानि न जायें तब हानि। मैंने उन्हें परामर्श दिया आप वापस घर जावें। कपड़े चेंज करे ,तुलसी जी का पत्ता ले, पानी पीवें और फिर यात्रा प्रारम्भ करें। उन्होंने ठीक ऐसा ही किया। यात्रा सफल रही। अपशकुन होने की स्थिति में आप भी ऐसा ही करें। यात्रा या कार्य को स्थगित न करें।
श्री रस्तू शुभम
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