व्यापार में वृद्धि व उन्नति के सटीक उपाय
व्यापार में वृद्धि व उन्नति के लिए सटीक प्रयोग
जीवन यापन के लिए प्रत्येक मनुष्य को कुछ न कुछ उद्यम करना ही पड़ता है। हर मनुष्य के लिए यह अनिवार्य क्रिया है। संसार के अन्य प्राणियों की अपेक्षा मनुष्य का संसार कुछ और ही प्रकार का है। संसार के अन्य प्राणियों के लिये न आवास की चिन्ता है, न जमीन की। सब कुछ उनको प्रकृति के द्वारा बिना प्रयत्न किए प्राप्त है, जबकि मनुष्य के लिए इस प्रकार की कोई सुविधा या व्यवस्था नहीं है। प्रत्येक मनुष्य को इसके लिए प्रयत्न करना पड़ता है। अनेक प्रकार के जो प्रयत्न मनुष्य करता है, उसमें से एक व्यापारी भी है।
व्यापार मनुष्य का एक उद्योग है।इस उद्योग के लिए वह अपनी शक्ति लगाता है और नाना प्रकार की सूझ-बूझ से काम लेता है।
हमारे पौराणिक धार्मिक ग्रंथों ने व्यापार को बार-बार मान्यता दी है और स्थान-स्थान पर कहा गया है, ‘व्यापार रमेति लक्ष्मी’ अर्थात व्यापार में लक्ष्मी का वास है।
व्यापार में सफलता पाने के लिए कुछ उपाय लिख रहा हु अगर आप यह उपाय करते हे तो मां लक्ष्मी की कृपा अवश्य होगी।
1) व्यापार को स्थिर करने का प्रयोग –
थोड़ा सा कच्चा सूत ले , उसे केसर गोल कर रंग ले। इस रंगे हुए कच्चे सूत को अपनी दुकान या व्यापारीक स्थल पर बांध दें। व्यापार आगे बढ़ने लगेगा ।
एवं नोकरी से संबंधित व्यक्ति इसे अपनी दराज में डाल दे।
प्रमोसन के योग बनने लगेंगे।
2) व्यापार में हानि हो रही हो तो रोकने के लिए उपाय–
व्यापार में अगर निरंतर हानि हो रही हो तो व्यापारी भाइयों को रोज निम्न मंत्र का जाप करना चाहिए।
तथा इसी मंत्र से हवन करवाए । व्यापार बढ़ने लगेगा और समृद्धि आएगी ।
मंत्र–
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवती माहेश्वरी अन्नपूर्णा स्वाहा।”
3) व्यापार में उन्नति के लिए प्रयोग –
इसके लिए प्रत्येक मंगलवार को पीपल के 11 पते लाए।
उन पर लाल चंदन से हर पते पर 4 बार राम – राम लिखे।
इसके बाद हनुमान जी के मंदिर में चढ़ा दे।
इस क्रिया में नियमितता और शुद्धता का पूरा ध्यान रखे।
तथा इस प्रयोग को करे तब तक गोपनीय रखें ।
4) व्यापार में वृद्धि के लिए उपाय –
सर्वप्रथम आप को श्यामा तुलसी के चारों ओर उग आई खरपतवार को किसी पीले वस्त्र में बांध कर व्यापार स्थल, दुकान पर रख दे।
यह क्रिया केवल गुरुवार को ही करे।
5) व्यापार वृद्धि यंत्र–
इस यंत्र को दीपावली की रात लाल चंदन से दुकान पर लिखे ।
इसके अलावा इसे शुभ समय में भोजपत्र पर अष्टगंध से लिख कर दुकान पर पैसे रखने वाले स्थान पर रख दे ।
व्यापार अवश्य ही बढ़ जाएगा ।