बुध की महादशा में ग्रहों के फल

Spread the love

बुध की महादशा में ग्रहों के फल

बुध की महादशा

किसी भी ग्रह की महादशा का जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता हे । अगर दशा सही चल रही हो तो व्यक्ति को रंक से राजा बना देती हे, वहीं अगर दशा विपरीत हो तो राजा को रंक बना देती हे ।

दशा का ज्ञान आप अपनी जन्म कुंडली से लगा सकते हे । महादशा में अंतर्दशा प्रत्यंतर दशा विनशोंत्री दशा आदि दशाओं का भी अलग अलग फल होता हे।

बुध की महादशा तथा अंतर्दशा में किस किस ग्रह द्वारा किस किस प्रकार के फल मिलते हे ।वो फल में यहां लिख रहा हूं।

बुद्धिधर्मसमायोगो मित्रबन्धुसमागमः । प्राप्तिर्ज्ञानस्य विपुला देहपीडा प्रकोपजम् ॥

बुध की दशा में बुध का अन्तर हो तो धर्म में बुद्धि, मित्र-बन्धु का समागम, ज्ञान की प्राप्ति और शरीर में पीड़ा की वृद्धि हो।॥

दुःखशोकाकुलं नित्यं शरीरं क्लेशसंयुतम् । भवत्यन्तर्दशायां हि केतुर्यदि बुधस्य च ॥

बुध की दशा में केतु का अन्तर हो तो नित्य दुःख और शोक से व्याकुलता, शरीर रोग से युत रहता है।

गुरुवस्त्राणि लभ्यन्ते धनं धर्मप्रियं तथा । वस्त्रालङ्करणैर्युक्ते बुधस्यान्तर्गतः सितः ॥

बुध की दशा में शुक्र का अन्तर हो तो बहमूल्य वस्त्र, धन, धर्म ये आस्था और वस्त्र अलंकार से युत हो।।

स्वर्णादिकं भवेत् प्राप्तं यशः प्राप्नोति सर्वतः । स्वर्णादिका भवोद्वेगो बुधस्यान्तर्गते, रवी ॥

बुध की दशा में रवि का अन्तर हो तो सुवर्णादि लाभ, सब तरफ से वश प्राप्ति तथा अपनी ही स्त्री द्वारा उद्वेग हो।

कुष्ठगण्डविकारैश्च गजादिवाहनैभर्भीतिबुधस्यान्तर्गतो क्षयरोगभगन्दरौ । विधुः ॥

बुध में चन्द्र का अन्तर हो तो कुष्ठ-गलगण्ड रोग, क्षय रोग, भगन्दर और हाथी इत्यादि वाहन से गिरने का भय हो॥

शिरोरोगगले चौरभङ्गभयं चाऽथ रोगैर्नानाक्लेशविमर्दनम् । बुधस्यान्तर्गते कुजे ॥

बुध की दशा में मङ्गल का अन्तर हो तो मस्तक और गले में रोग और चोरी का भय हो।॥

सम्पर्कादग्निदाहं अकस्माच्छत्रुनिर्घातमकस्मादर्थनाशनम् च राहोरन्तर्गते बुधे ॥

बुध की दशा में राहु का अन्तर हो तो अकस्मात् शत्रु से पीड़ा, धन नाश, किसी के सम्पर्क से अग्नि भय हो ।

व्याधिशत्रुभयैर्मुक्तो ब्रह्मिष्ठो नृपवल्लभः । पूतात्मा धार्मिकश्चैव बुधस्यान्तर्गते गुरौ ॥

बुध की दशा में गुरु का अन्तर हो तो व्याधि और शत्रु के भय से छुटकारा, ब्रह्मिष्ठ, राजप्रिय, पवित्रात्मा और धार्मिक हो।॥

धर्मार्थभोगी गम्भीरः क्लीबो मित्रार्थलुब्धकः । सर्वकार्येष्वनुत्साहो बुधे सौरो यदाऽनुगः ॥

बुध की दशा में शनि का अन्तर हो तो धर्म और धन का भोगी, गम्भीर, नपुंसक, मित्र के धन का लोभी और सब कार्य में आलसी होता है।

श्री रस्तू शुभम्

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top
Astro Kushal